नगर पालिका परिषद हरदा, जिला हरदा की स्थापना वर्ष 1867 मे गई। वर्तमान मे म.प्र.नगर पालिका अधिनियम 1961 व उसके अंतर्गत बनाये गये नियमों से वह अपने कर्तव्यों का सम्पादन कर रही है। परिषद के मुख्य कर्तव्य व कार्यो का विवरण नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 123 में विर्निदिष्ट है, जो निम्नानुसार हैः-

(क) सार्वजनिक पथो, स्थानों तथा भवनों को प्रकाषित करना

(ख) सार्वजनिक पथों, स्थानों तथा मल-नालियों और ऐसे समस्त स्थानों को साफ करना जो प्रायवेट सम्पत्ति न हो और जो सार्वजनिक उपभोग के लिए खुले हो, भले ही ऐसे स्थान परिषद मे निहित हो या नहीं, हानिकारक घासपात को हटाना और समस्त सार्वजनिक न्यूसेंस का उपषमन करना.

(ग) विष्ठा तथा कूडा करकट का ाव्ययन करना और विष्ठा तथा कूडा करकट से कम्पोस्ट खाद तैयार करना,

(घ) आग बुझाना और आग लग जाने की दषा मे जीवन एवं सम्पत्ति की रक्षा करना.

(ड‐) धृणोत्पादक या खतरनाक व्यापारों या व्यवसायों का विनिमय या उपषमन करना.

(च) सार्वजनिक पथों या स्थानों मे से तथा ऐसे स्थलों मे से, जो प्राइवेट सम्पत्ति न हों, और जो सर्व साधारण के उपभोग के लिए खुले हो, भले ही ऐसे स्थल परिषद मे निहित हो या राज्य सरकार में निहित हो, बाधाओं तथा प्रक्षेपित भागों को हटाना.

(छ) मृतको की अन्त्येष्टि के लिए स्थान अर्जित करना उनका अनुरक्षण करना, उनमें तब्दीली तथा उनका विनियमन करनाण्

(ज) महामारी या अन्य अकल्पित आपात स्थिति में मृतको की अन्त्येष्टी के लिऐ ऐसे विषेष उपाय करना जो विहित प्राधिकारी द्वारा तत्समय प्रवृत्त किसी विधि के अधीन इस संबंध में निर्देष देने के लिए सषक्त किसी अन्य प्राधिकारी द्वारा अपेक्षित किए जाएध्

(झ) खतरनाक भवनों या स्थानों को सुरक्षित बनाना या हटाना तथा अस्वास्थ्य कर परिक्षेत्रो का पुनरूद्धार करना.

(ज‐) सार्वजनिक पथों, पुलियों, नगर पालिका के सीमा चिन्हों, मण्डियो, हाटो, बधषालाओं, शौचालयें, संडासों, मूत्रालयों, नालियों, मल-नालियों, जल निकास-संकर्मो, मलनाली से संबंधित संकर्मो, स्नानगृहों, धुलाई के स्थानों पीने के पानी के नो, तालाबों, कुओं, बांधो तथा प्रकार के अन्य संकर्मो का निर्माण करना उनमे परिवर्तन करना और उनका अनुरक्षण करना.

(ट) कांजी हाउसों की स्थापना करना तथा उनका प्रबंध करना और जहॉ पर अतिचार अधिनियम 1871, क(1) प्रवर्तन में हो वहां उस अधिनियम की धारा 4, 5, 6, 7, 12, 14, 17 तथा 19 के अधीन राज्य सरकार और जिला मजिस्ट्रेट के समस्त कृत्य करना.

(ठ) जल के वर्तमान प्रदाय के अपर्याप्त तथा अस्वास्थ्यकर होने के कारण निवासियों घरेलू पशुओं के स्वास्थ्य को खतरे से बचाने के लिए उचित तथा पर्याप्त जल प्रदाय या अतिरिक्त जलप्रदाय को जब तक ऐसा प्रदाय या अतिरिक्त जलप्रदाय युक्तियुक्त खर्च से प्राप्त किया जा सकता हो, प्राप्त करना और ऐसे जल का नियत कालिक रूप से सूक्ष्म परीक्षण करना।

(ड) पथों तथा उद्वानों का नामकरण करना तथा मकानों का सख्याकित करना.

(ढ) जन्म, विवाह तथा मृत्यु का रजिस्ट्रीकरण करना.

(ण) सार्वजनिक, टीके लगाना.

(त) किन्हीं भी ऐसे बछडों, गायों या भैसों के लिए जो पशु के प्रदाय के लिए नगर पालिका की सीमाओ के भीतर अपेक्षित हो, उपयुक्त स्थान की व्यवस्था करना,

(थ) पशुओं का रजिस्ट्रीकरण करना तथा ऐसे अन्तरालों से जो विहित किए जाए कृषि उपयोगी पशुओं की गणना

(द) ऐसे उपाय करना जो संक्रामक रोगो के पैदा होने या फैलने या उनकी पुनरावृत्ति होने से रोकने के लिये अपेक्षित हो.

(ध) नगर पालिका के प्रषासन पर ऐसे वार्षिक रिपोर्ट तैयार करना जैसी राज्य सरकार सामान्य या ाविषेष आदेष द्वारा उसे (रिपोर्ट को) प्रस्तुत करने के लिये परिषद से अपेक्षा करें.

(न) ऐसे प्रकार के तथा ऐसी िर्स्थति मे, जिनका कलेक्टर द्वारा अनुमोदन किया जाए, मजबूत सीमा चिन्हो का निर्माण करना जो नगर पालिका की सीमाओं या उनमें किसी परिवर्तन को परिनिष्चित करते हो।

(प) परिषद के सफाई कर्मचारीवृन्द के लिए आवास गृहों का सन्निर्माण तथा उनका अनुरक्षण करना.

(फ) प्राथमिक शालाओं की स्थापना तथा उनका अनुरक्षण करना, इसके अतिरिक्त नगर पालिका परिषद अधिनियम की धारा 124 के खण्ड (डी) से (क्यू) मे उल्लेखित निम्न विषयों के लिए नगर पालिका की स्थाई व निधि से विवेकानुसार व्यवस्था कर सकती है।

धारा 124 (क) से (फ)

(क) अस्वास्थ्यकर परिक्षेत्रो का पुनरूद्धार करना, ऐसे क्षेत्रो में, जिनमें पूर्व मे निर्माण हुआ हो या नहीं- नए सार्वजनिक पथों का अभिन्यास करना तथा उस प्रयोजन के लिए भूमि अर्जित करना, जिसमें ऐसे मार्गो से संस्पर्षी भन के लिए भू खण्ड सम्मिलित होंगे,

(ख) सार्वजनिक पार्को, उद्यानो, खेल के मैदानों तथा खुले स्थलों, पुस्तकालयों, संग्रहालयों, पागलखानों, सभा भवनों, कार्यालयों, धर्मषालाओं, विश्रामगृहो तथा अन्य सार्वजनिक भवनों का सन्निर्माण करना, उनकी स्थापना करना या उनका अनुरक्षण करना.

(ग) शैक्षणिक उद्देष्यों को अग्रसर करना.

(घ) सडक के किनारे तथा अन्य स्थानों पर वृक्षारोपण तथा उनका अनुरक्षण करना.

(ड‐) सडक के किनारो तथा अन्य स्थानों पर जल छिडकना.

(च) चौराहों, उद्यानों या सार्वजनिक समागम के अन्य स्थानों में संगीत की व्यवस्था करना.

(छ) स्थानीय प्रयोजनो के लिए जनगणना करना और ऐसी जानकारी के हेतु जिससे जन्म मृत्यु संबंधी आंकडो का ठीक-ठीक रजिस्ट्रीकरण हो सके, पुरस्कार देना.

(ज) सर्वेक्षण करना.

(झ किसी वैतनिक या अवैतनिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय को बनाए रखने के लिए अनुषांगिक वेतन तथा भत्ते, भाडे तथा अन्य खर्चे या ऐसे किन्हीं भी खर्चो के किसी भाग का संदाय करना.

(ज) ऐसे कुत्तों तथा सुअरों का विनाष या निरोध करना जिनका इस अधिनियम के उपबंधो के अधीन या राज्य मे तत्समय प्रवृत्त किसी भी अन्य अधिनियमिति के अधीन विनाष किया जा प्रसंस्करण के लिए डेरियों या फार्मो की स्थापना करना, सकता हो या जिन्हे निरोध मे रखा जा सकता हो।

(ट) इस अधिनियम द्वारा या इस अधिनियम के अधीन विनिर्दिष्ट खतरनाक तथा धृणोत्पादक व्यापारों को चलाने के लिए उपयुक्त स्थान प्राप्त करना या प्राप्त करने मे सहायता देना.

(ठ) प्रायवेट परिसरो पर या उनके उपयोग के लिए उनका मलमूत्र परिषद के नियंत्रणाधीन मल-नाली में इकट्ठा करने तथा उसे बहाकर ले जाने के लिये पात्रों, फिटिंग, नलों तथा अन्य प्रकार के साधित्रों का चाहे जो भी हो प्रदाय निर्माण तथा उनका अनुरक्षण करना.

(ड) मलमूत्र के व्ययन के लिए फार्म या कारखाना स्थापित करना तथा उसका अनुरक्षण करना

(ढ) नगर पालिका के कर्मचारियों के या उनके किसी वर्ग के तथा उनके आश्रितों के लिए किये जाने वाले कल्याण कार्यो की अभिवृद्धि करना.

(ण) सफाई कर्मचारीवृंद से भिन्न परिषद के किसी भी वर्ग के कर्मचारियों के लिए निवास स्थान की व्यवस्था करना

(त) निर्धन वर्ग के व्यक्तियों के लिए स्वच्छ निवासगृह का निर्माण करना.

(थ) पुस्तकालयों एवं संग्रहालयों सहित शैक्षणिक संस्थानों, चिकित्सालयों, औषधालयों या इसी प्रकार के संस्थाओं के जो सार्वजनिक चिकित्सा सहायता प्रदान करती हो या सामाजिक कार्य मे लगी हो या पूर्व प्रकृति की अन्य संस्थाओं के निर्माण, उनकी स्थापना या उनके अनुरक्षण हेतु अभिदाय करना.

(द) चारागाह या चराई के स्थानों का अर्जन करना तथा उनका अनुरक्षण करना और डेरी फार्मो की स्थापना तथा उनका अनुरक्षण करना और अभिजनन सांड रखना तथा उनका भरण-पोषण करना

(ध) नगर पालिका क्षेत्र के निवासियों के फायदे के लिए दुग्ध के उत्पादों के प्रदाय वितरण तथा प्रसंस्करण के लिए डेरियों या फार्मो की स्थापना करना

(ग) विषेषतः गर्भिणी तथा स्तनपान कराने वाली माताओं, बच्चों तथा निषक्तों के उपयोग के लिए मलाई युक्त या मलाई रहत दुग्ध, संघनीकृत दुग्ध, वाष्पीकरण द्वारा नमी रहित किया गया दुग्ध, दुग्ध चूर्ण तथा कृत्रिम या सोयाबीन दुग्ध प्राप्त करना और निःषुल्क या कम मूल्य पर वतरित करना.

(प) निवासगृहो तथा भोजनालयों की व्यवस्था करना तथा उन्हे चलाना

(फ) भोजन गृह, जैसे जलपान गृह, चाय की दुकान, मिठाई की दुकान, उपहार गृह, कैफे, स्वल्पाहार गृह, होटल तथा ऐसे स्थान स्थापित करना तथा उन्हे चलाना जहॉ खाद्य तथा पेय पदार्थ दिए जाते हो।

(ब) शेडोे, छप्परो तथा अन्य सुविधाओं सहित सार्वजनिक स्नान गृहो या तैरने के तालाबों की व्यवस्था करना तथा उनका अनुरक्षण करना।

(भ) किसी भी वाणिज्यिक उद्यम का जिम्मा लेना

(म) ऐसी सडको तथा ऐसे भवनो का और सिंचन संकर्मो से भिन्न ऐसे अन्य सरकारी संकर्मो का जिन्हें राज्य सरकार इस अधिनियम के अधीन बनाए गए नियमों के अनुसार परिषद को अतरित करें, निर्माण करना तथा उनका अनुरक्षण करना

(य) राज्य सरकार द्वारा अनुमोदित किसी पागलखाने, कुष्ठाश्रमख् चिकित्सालय या मकान मे ऐेसे पागलों तथा कुष्ठरोगियों के जो नगर पालिकाक्षेत्र मे रहते हो या नगर पालिका क्षेत्र से हटाये गए हो, भरण पोषण की तथा उपचार की व्यवस्था करना। (कक) पागलों, कुष्ठरोगियों तथा उन व्यक्तियों को जिनको अकविरोधी, एन्टीरेबिक उपचार होना आवष्यक हो, उनके उपचार के लिए स्थापित पागलखाने, कुष्ठाश्रम, चिकित्सालय या मकान में, चाहे वह नगर पालिका की सीमाओं के भीतर हो या बाहर भ्जिवाने की व्यवस्था करना

(गग) मेले तथा प्रदर्षनीयुक्त मेले लगाना

(घघ) पशु औषधालयों की स्थापना करना तथा उनका अनुरक्षण करना

(डड) नगर पालिका के भितर ऐसा कोई भी सार्वजनिक स्वागत समारोह, उत्सव, मनोरंजन या प्रदर्षनी का आयोजन करना, जिसमें उस रकम से अधिक रकम खर्च न हो जो नियमों द्वारा इस विहित की ई हो, प्रंतु यह जबकि, परिषद द्वारा उस निमित्त साधारण सम्मिलन मे एक संकल्प पारित कर दिया जाएः-

(चच) अन्यथा उपबंधित न किया गया कोई भी ऐसा विषय जिससे सार्वजनिक स्वास्थ्य, षिक्षा, सुरक्षा तथा जनता की सुविधा का उन्नयन सम्भव हो।

(छछ) चिकित्सालयों तथा औषधालयों की स्थापना करना तथा उनका अनुरक्षण करना

(जज) दरिद्रलायों की स्थापना तथा उनका अनुरक्षण करना और

(झझ) नगरीय योजना जिसके अंतर्गत नगर योजना भी है

(जज) भूमि उपोग का विनियम और भवनों का निर्माण

(टट) आर्थिक और सामाजिक विकास योजना

(ठठ) नगरीय वानिकी पर्यावरण का संरक्षण और परिस्थिति की आयामों की अभिवृद्धि

(डड) समाज के दुर्बल वर्गो में जिनके अंतर्गत विकलांग और मंद व्यक्ति भी है के हितों की रक्षा ।

(णण) राज्य सरकार के पूर्व अनुमोदन से कोई भी अन्य कार्य करना। लोक प्राधिकारी का संगठनात्मक ढांचा संलग्न प्रपत्र-“क“ में दर्षाया गया है। विभिन्न विभागों के कार्यो व कर्तव्यों का विवरण प्रपत्र-“ख” में तथा पदाधिकारियों की शक्तियों का प्रपत्र ग मे दर्षाया गया है।

Edit
क्र. विभाग कार्य
1 सामान्य प्रषासन विभाग लेक प्राधिकरण के सामान्य प्रषासन की सुचारू व्यवस्था एवं संचालन तथा लेखाओं के संधारण का यह विभाग उत्तरदायी है। उसके प्रमुख कार्य एवं कर्तव्य निम्नानुसार हैः-
प्रशासनः-
1. कर्यालय की समुचित व्यवस्था
2. अधिकारियों/कर्मचारियों की उपस्थिति, अवकाष कार्य विभाजन
3. कार्यालयीन पत्र व्यवस्था का साधारण नियंत्रण एवं पर्यवेक्षण
4. रिकार्ड पत्रो का आवक-जावक, पंजीकरण व निरस्तीकरण
5. परिषद, प्रेसिडेंट इन काउंसिल परामर्षदात्री समितियो के सम्मेलन की सूचना उसके कार्यवृत्तो का संधारण उसके द्वारा वांछित जानकारी प्राप्त कर प्रस्तुत करना व उनके निर्णयों के क्रियान्वयन व पालन हेतु संबंधित विभाग अधिकारियों को प्रेषित करना।
6. कार्यालयीन निरीक्षण व पर्यवेक्षण।
7. वरिष्ठ अधिकारियों के निरीक्षण प्रतिवेदनो का पालन
2 लेखा 1. निकाय के करो, शुल्को, अनुज्ञा शुल्को व अन्य मदो मे कर्मचारियों द्वारा वसूल या प्राप्त की गई है की जॉच कर प्राप्त कर निर्धारित रोकड पुस्तक मे अंकित करना व कोषालय या बैंक मे जमा करना।
2. निकाय द्वारा किये जाने वाले समस्त भुगतानो की जांच करना व सुनिष्चित करना की सम्पादित कार्य/क्रय या व्यवहार की सक्षम स्वीकृति है।
3. मासिक, त्रैमासिक, वार्षिक लेखाओं को तैयार करना व विर्निदिष्ट अधिकारियों को भेजना।
4. वार्षिक आय-च्ष्ष् अनुमान पत्रक तैयार करना।
5. समस्त प्रतिभूतियों अमानतों, अग्रिमों के लेखों का संधारण
6. ऋण एवं अनुदान से प्राप्त समस्त राषिं को लोखाओं का संधारण
7. ज्नसहयोग व स्वेच्छिक अभिदाता द्वारा प्राप्त राषियों का लेखा निर्धारण प्रारूप रजिस्टर मे रखना
8. प्राधिकरण के संपूर्ण अधिकारियों एवं कर्मचारियों के सेवा अभिलेखो का संधारण।
9. लेखाओं का अंकेक्षण एवं अंकेक्षण प्रतिवेदनो का निराकरण।
3 राजस्व विभाग निकाय के राजस्व विभाग के मुख्य कार्य एवं कर्तव्य निकाय द्वारा आरोपित समस्त करों शुल्को एव अन्य प्रभार तथा नगर पालिका मार्केट्स, स्लाटर हाउस एवं अस्थायी एवं स्थायी लीज रेंट तथा भूमि किराया-प्रिमियम आदि से संबंधित अभिलेख विहित प्रारूप मे संघारण एवं वसूली करना है इन कर्तव्यों की पूर्ति हेतु उसके द्वारा निम्न कार्य सम्पादित किये जाते हैः-
1. सम्पत्ति कर सफाई कर, जलकर, प्रकाष कर, षिक्षाकर एवं अन्य सभी करों, जिनकी कर निर्धारण सूची वार्षिक तैयार की जातीा है, उनकी कर निर्धारण रजिस्टर निर्धारित प्रपत्र मे तैयार करना।
2. निकाय द्वारा आरोपित समस्त करों व शुल्को की शीध्र वसूली करना।
3. करो शुल्को व अन्य देयक राषि की वसूली हेतु निर्धारित प्रारूप् मे आवष्यक संख्या मे रसीद बुको की व्यवस्था उसके समाप्त होने पर वापस जमा करना सुनिष्चित करना।
4. राजस्व विभाग मे अधिकारियों/कर्मचारियो द्वारा वसूल की गई राषि का यथा समय नगर पाकि कोष मे ेजॉच उपरांत जमा करना व उसका पर्यवेक्षण कराना।
5. राजस्व विभाग द्वारा जारी रसीदो का मूल रसीदों से कमसे कम 10 प्रतिषत रसीदो का मिलान व सत्यापन करना।
6. नगर पालिका मार्केट दुकाने, भूमि व अन्य सम्पत्ति के आवंटन हेतु सार्वजनिक घोष या टेण्डर्स आदि की कार्यवाही। अधिनियम व नियमों के प्रावधानो के अनुरूप करना व संबंधित अनुबंधो का निष्पादन सुनिष्चित करना।
7. बकाया करों व शुल्को व किराये की वसूली हेतु अधिनियम के प्रावधानानुसार बिल मांग सूचना पत्र व वारंट जारी करना व उनकी तामिली सुनिष्चित करना।
8. कांजी हौस की व्यवस्था व वसूली का नियंत्रण एवं पर्यवेक्षण
9. विहित प्रारूपों मे मासिक, त्रैमासिक वार्षिक या निध्िार्रित सामयिक पत्रको मे करों आदिक ी वसूली की जानकारी विहित अधिकारी को देना।
4 चिकित्सा एवं लोक स्वास्थ्य विभाग लोक प्राधिकरण के इस विभाग का दायित्व नागरिको को चिकित्सा व जन स्वास्थ्य संबंधी सुविधायें बिमारियों की रोकथाम, नगर की सफाई, कचरा व ठोस अपषिष्टो का निपटान ड्रेनेज व नालीयो की सफाई आदि की व्यवस्था करना है। इन दायित्वो के निर्वहर हेतु यह निम्न कार्यो को सम्पन्न करना हैः-
1. जन स्वास्थ्य के लिये वैक्सीनेषन की व्यवस्था।
2. महामारी के समय प्रतिबंधात्मक उपाय, दवाईयों का वितरण चिकित्सीय व्यवस्था।
3. पशुवध गृह, होटलो आदि का निरीक्षण
4. खाद्य पदार्थ व पेय पदार्थो की जॉच
5. नगरीय क्षेत्र की सडको, नाली व नालियों की सफाई
6. सार्वजनिक शौचालयों, मृत्रालयों, सुलभ शौचालयों का निर्माण
7. शुष्क शौचालयों को शौचालय मे परिवर्तन
8. शुद्ध पर्यावरण हेतु उद्यानो का निर्माण, रखरखाव व वृक्षारोपण
9. केन्द्र एवं राज्य शासन की कल्याणकारी योजनाओं हेतु सर्वे रजिस्ट्रीकरण एवं हितग्राहियों को सहायक वितरण
5 लोक निर्माण विभाग अधिकरण के इस विभाग मे निम्न कार्य व कर्तव्य हैः-
1. नगर विकास से संबंधित समस्त योजनाओं का क्रियान्वयन, निर्माण कार्यो का संपादन पर्यवेक्षण एवं नियंत्रण
2. नगर के सुनियोजित विकास की दृष्टि से कालोनियों के विकास की नगर पालिका अधिनियम के अंतर्गत वांछित स्वेकृति, भवन निर्माण की अनुमति दी जाना।
3. जन सुरक्षा की दृष्टि से खतरनाक भवनों, सार्वजनिक सडको, फुटपाथों व खुली भूमियों से अतिक्रमण हटाने।
4. बिना अनुमति एवं अनुमति के विरूद्ध निर्माण कार्यो को हटाना व उनके विरूद्ध विधानान्तर्गत कार्यवाही करना।
5 जलकार्य विभाग प्राधिकरण के जलकार्य विभाग निम्न कर्तव्य व कार्यो को सम्पन्न करता हैः-
1. जलप्रदाय की संपूर्ण व्यवस्था इंटकवेल, फिल्टर प्लांट, स्टोरेज, सप्लाय का संधारण एंव पर्यवेक्षण
2. मुख्य वितरण पाईप लाईन का संधारण परिवर्धन परिवर्तन
3. पब्लिक स्टेण्ड का संधारण
4. जलकष्ट की स्थिति मे पेयजल की व्यवस्था टेंकर्स व अन्य साधनो से सुलभ कराना।
5. व्यक्तिगत नल कनेक्षन की स्वीकृति व उनका पर्यवेक्षण
6. नगर पालिका के स्वामित्व व सार्वजनिक जलस्त्रोतों, तालाबों, कुओ आदि का संधारण
6 कर्मषाला विभाग विभाग का कार्य नगरीय निकाय के वाहनो मषीनों व पम्पों आदि का संधारण व मरम्मत की व्यवस्था करना है, साथ ही वाहनों के लिये चालक, परिचालक, क्लीनर आदि स्टाफ की उपस्थिति, अवकाष आदि का नियंत्रण भी इस विभाग के जिम्मे रहता है।
7 अग्निषामक विभाग 1. अग्निषामक वाहनों का संधारण
2. आग की स्थिति अग्नि शमन की त्वरित व्यवस्था।
3. आपात स्थिति में प्रषासन व नागरिकों की सहायता
8 शिक्षा विभाग 1. म.प्र.नगरीय निकाय संविदा शाला षिक्षक, नियोजन एवं संविदा की शर्त नियम 2005 के प्रावधानानुसार षिक्षको की नियुक्ति